एलान खुल के करती है उम्मत रसूल की / Elaan Khul Ke Karti Hai Ummat Rasool Ki
ए'लान खुल के करती है उम्मत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की आक़ा से प्यार करना ही मोमिन की शान है सरशार उन के 'इश्क़ में ये जिस्म-ओ-जान है सरमाया-ए-हयात है उल्फ़त रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की ए'लान खुल के करती है उम्मत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की गुलशन में सारी नग़्मा-सराई है आप से शम्स-ओ-क़मर की जल्वा-नुमाई है आप से दुनिया-ए-रंग-ओ-बू में है निकहत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की ए'लान खुल के करती है उम्मत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की तफ़रीक़-ए-रंग-ओ-नस्ल मिटाई है आप ने जन्नत की शाह-राह दिखाई है आप ने 'आलम में 'आम-ओ-ताम है रहमत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की ए'लान खुल के करती है उम्मत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की ये ग़ुंचा-ओ-गुलाब, ये बुलबुल ये गुलिस्ताँ रहमत-लक़ब नबी का ही सदक़ा है ये जहाँ भँवरे भी गुनगुनाते हैं मिदहत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है मोहब्बत रसूल की ए'लान खुल के करती है उम्मत रसूल की हर दिल में जा-गुज़ीं है ...