नफ़स नफ़स में अली अली हो नज़र नज़र में अली अली हो / Nafas Nafas Mein Ali Ali Ho Nazar Nazar Mein Ali Ali Ho
एहतिमाम ऐसा मवद्दत में किए जाऊँगा ज़िक्र-ए-हैदर मैं सुनाऊँगा सुने जाऊँगा मेरे अंदर का जो मीसम है यही कहता है चाहे कट जाए ज़ुबाँ नाम जपे जाऊँगा 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो नफ़स नफ़स में 'अली 'अली हो, नज़र नज़र में 'अली 'अली हो गली गली में 'अली 'अली हो, नगर नगर में 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो करम के गौहर लुटाएँ हैदर, तो जाम-ए-'इरफ़ाँ पिलाएँ हैदर जो रोज़-ओ-शब के पहर पहर में, सहर सहर में 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो बहार ज़िक्र-ए-'अली की मस्ती में रक़्स करती उतर रही है शजर शजर में, कली कली में, समर समर में 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो 'अली 'अली हो, 'अली 'अली हो उसे बनाएँ 'अली क़लंदर, हों उस के चाकर सभी सिकंदर वो जिस के भी जिस्म-ओ-जान-ओ-रूह-ओ-दिल-ओ-जिगर में 'अली 'अली हो 'अ...