मेरे हुसैन तुझे सलाम / Mere Husain Tujhe Salaam
मेरे हुसैन ! तुझे सलाम, मेरे हुसैन ! तुझे सलाम अस्सलाम या हुसैन ! अस्सलाम या हुसैन ! कर लिया नोश जिस ने शहादत का जाम उस हुसैन इब्न-ए-हैदर पे लाखों सलाम मेरे हुसैन ! तुझे सलाम, मेरे हुसैन ! तुझे सलाम अस्सलाम या हुसैन ! अस्सलाम या हुसैन ! जिस को धोके से कूफ़े बुलाया गया जिस को बैठे-बिठाए सताया गया ज़हर भाई को जिस के पिलाया गया जिस के बच्चों को प्यासा रुलाया गया उस हुसैन इब्न-ए-हैदर पे लाखों सलाम मेरे हुसैन ! तुझे सलाम, मेरे हुसैन ! तुझे सलाम अस्सलाम या हुसैन ! अस्सलाम या हुसैन ! जिन का जन्नत से जोड़ा मँगाया गया जिन को दोश-ए-नबी पर बिठाया गया जिन की गर्दन पे ख़ंजर चलाया गया जिन को तीरों से छलनी कराया गया उस हुसैन इब्न-ए-हैदर पे लाखों सलाम मेरे हुसैन ! तुझे सलाम, मेरे हुसैन ! तुझे सलाम अस्सलाम या हुसैन ! अस्सलाम या हुसैन ! जिस ने हक़ कर्बला में अदा कर दिया अपने नाना का वा'दा वफ़ा कर दिया सब कुछ उम्मत की ख़ातिर फ़िदा कर दिया घर का घर ही सुपुर्द-ए-ख़ुदा कर दिया उस हुसैन इब्न-ए-हैदर पे लाखों सलाम मेरे हुसैन ! तुझे सलाम, मेरे हुसैन ! तुझे सलाम अस्सलाम या हुसैन ! अस्सलाम
हर एक दिल में करबला बसा दिया हुसैन ने
ReplyDeleteनज़र न आता था ख़ुदा दिखा दिया हुसैन ने
वोह नूर है तू ख़ाक़ है, बशर तेरी बिसात क्या
बना के ख़ाक़ को शिफ़ा, दिखा दिया हुसैन ने
अली का ये भी शेर है, ये तीर से मरेगा क्या
पिसर को हाथ पे उठा, हसा दिया हुसैन ने
अये मौत तुने सुरमा, बड़े बड़े हरा दिये
मगर तुझे भी है कज़ा, हरा दिया हुसैन ने
अर्श फर्श पे हर जगह, हुसैन ही हुसैन है
वजूद ही यज़ीद का, मिटा दिया हुसैन ने
चले है हैदर व खिज़र, हुसेनियो कि राह पर
जो खिदमतो का रास्ता, अता किया हूसेन ने