या नबी सब करम है तुम्हारा ये जो वारे नियारे हुए हैं / Ya Nabi Sab Karam Hai Tumhara Ye Jo Ware Niyare Hue Hain
या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं अब कमी का तसव्वुर भी कैसा, जब से मँगते तुम्हारे हुए हैं या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं कोई मुँह न लगाता था हम को, पास तक न बिठाता था हम को जब से थामा है दामन तुम्हारा, दुनिया वाले हमारे हुए हैं या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं उन के दरबार से जब भी मैं ने, पंजतन के वसीले से माँगा मुझ को ख़ैरात फ़ौरन मिली है, ख़ूब मेरे गुज़ारे हुए हैं या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं दूर होने को है अब ये दूरी, उन की चौखट पे होगी हुज़ूरी ख़्वाब में मुझ को आक़ा के दर से हाज़री के इशारे हुए हैं या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं देख कर उन के रौज़े के जल्वे, मुझ को महसूस ये हो रहा था जैसे मंज़र ये सारे के सारे आसमाँ से उतारे हुए हैं या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं हश्र के रोज़ जब मेरे आक़ा उम्मती की शफ़ा'अत करेंगे रब कहेगा, उन्हें मैं ने बख़्शा जो दिवाने तुम्हारे हुए हैं या नबी ! सब करम है तुम्हारा, ये जो वारे नियारे हुए हैं ख़्वाजा अजमे...