फूलों की है महकार मगर तेरी कमी है | चिड़ियों की है चहकार मगर तेरी कमी है / Phoolon Ki Hai Mehkar Magar Teri Kami Hai | Chidiyon Ki Hai Chehkar Magar Teri Kami Hai
फूलों की है महकार मगर तेरी कमी है चिड़ियों की है चहकार मगर तेरी कमी है गुलशन में गुलाबों की कमी कोई नहीं है कहता है दिल-ए-ज़ार मगर तेरी कमी है हर दर्द में, तक़लीफ़ में और रंज-ओ-अलम में ऐ मेरी मददगार ! मगर तेरी कमी है क़िस्मत ने किया दौलत-ए-ममता से है महरूम दौलत का है अँबार मगर तेरी कमी है हर आन मेरे सर पे दु'आओं के वो साए है साया-ए-अश्जार मगर तेरी कमी है रमज़ान की रौनक़ थी तेरे दम से दो-बाला है सहरी-ओ-इफ़्तार मगर तेरी कमी है बहलीम के अमराज़ की तश्ख़ीस करे कौन ? ऐ वाक़िफ़-ए-आज़ार ! मगर तेरी कमी है ना'त-ख़्वाँ: ओवैस रज़ा क़ादरी असद रज़ा अत्तारी phoolo.n ki hai mehkaar magar teri kami hai chi.Diyo.n ki hai chehkaar magar teri kami hai gulshan me.n gulaabo.n ki kami koi nahi.n hai kehta hai dil-e-zaar magar teri kami hai har dard me.n, taqleef me.n aur ranj-o-alam me.n ai meri madadgaar ! magar teri kami hai qismat ne kiya daulat-e-mamta se hai mahroom daulat ka hai ambaar magar teri kami hai har aan mere sar pe du'aao.n ke wo saae hai saaya-e-ashjaar