होगा एक जलसा हश्र में ऐसा / Hoga Ek Jalsa Hashr Mein Aisa

होगा एक जलसा हश्र में ऐसा
जिस में सरकार की अज़मत पे ख़िताबत होगी
सदरे-महशर हमारा रब होगा
हज़रते-बुलबुले-सिदरा की नक़ाबत होगी

होगा सर मुस्तफ़ा का सजदे में
जब परेशानी के आलम में ये उम्मत होगी
रब कहेगा ये मेरा वादा है
उसको बख़्शूंगा तेरी जिस में मुहब्बत होगी

मैं पढूंगा हदाइक़े-बख़्शिश
हश्र की भीड़ में गर मुझ को इजाज़त होगी
सुन के नारा लगाएंगे सुन्नी
और वहाबी के लिये दोहरी क़यामत होगी

ये वसीयत है एक आशिक़ की
कद की मिक़्दार में गहरी मेरी तुर्बत होगी
उठ सकू मैं पए-अदब फ़ौरन
जिस गड़ी क़बर में आक़ा की ज़ियारत होगी

आ'ला हज़रत वहाँ पे जाएंगे
जिस जगह उनके ग़ुलामों को ज़रुरत होगी
तू है एक रज़वी नातख्वां फ़ैज़ी
इस लिये तेरे मुक़द्दर में भी जन्नत होगी

शायर:
हबीबुल्लाह फ़ैज़ी

नातख्वां:
हबीबुल्लाह फ़ैज़ी

Comments

Most Popular

वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं / Wo Shehr-e-Mohabbat Jahan Mustafa Hain (All Versions)

या नबी सलाम अलैका / Ya Nabi Salam Alaika | Ya Nabi Salam Alayka (All Popular Versions)

क्या बताऊँ कि क्या मदीना है / Kya Bataun Ki Kya Madina Hai

हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन की तस्वीर सीने में मौजूद है | उन का जल्वा तो सीने में मौजूद है / Hum Ne Aankhon Se Dekha Nahin Hai Magar Unki Tasweer Seene Mein Maujood Hai | Un Ka Jalwa To Seene Mein Maujood Hai

ऐ ज़हरा के बाबा सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए / Aye Zahra Ke Baba Sunen Iltija Madina Bula Lijiye

अल-मदद पीरान-ए-पीर ग़ौस-उल-आज़म दस्तगीर / Al-Madad Peeran-e-Peer Ghaus-ul-Azam Dastageer

मेरे ताजुश्शरीआ की क्या शान है / Mere Tajushsharia Ki Kya Shaan Hai

बेख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना / Bekhud Kiye Dete Hain Andaz-e-Hijabana

हो करम सरकार अब तो हो गए ग़म बे-शुमार / Ho Karam Sarkar Ab To Ho Gaye Gham Beshumar

मुस्तफ़ा, जान-ए-रहमत पे लाखों सलाम (मुख़्तसर) / Mustafa, Jaan-e-Rahmat Pe Laakhon Salaam (Short)