जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान / Jashn Manao ! Aae Hain Nabiyon Ke Sultaan

सुब्ह़ त़यबा में हुई बटता है बाड़ा नूर का
सदक़ा लेने नूर का आया है तारा नूर का

बाग़े त़यबा में सुहाना फूल फूला नूर का
मस्ते बू हैं बुलबुलें पढ़ती हैं कलिमा नूर का

तेरी नस्ले पाक में है बच्चा बच्चा नूर का
तू है ऐ़ने नूर तेरा सब घराना नूर का

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
हूरो-मलाइक जिन्नो-बशर सब देते हैं पैग़ाम

जश्न मनाओ ! मक्की का
जश्न मनाओ ! मदनी का
जश्न मनाओ ! काली कमली वाले का

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

सरकार की आमद मरहबा
दिलदार की आमद मरहबा
मनठार की आमद मरहबा

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

मायूस हलीमा मक्के में सर अपना झुकाए बैठी थी
जब देखा रूखे अनवारे नबी तो झूम के बस ये कहती थी
ऐ आमेना जी के नूरे नज़र मैं जाऊं तेरे क़ुरबान

जश्न मनाओ ! मक्की का
जश्न मनाओ ! मदनी का
जश्न मनाओ ! काली कमली वाले का

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

आक़ा की आमद मरहबा
दाता की आमद मरहबा
सोहणे की आमद मरहबा

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

सरकार के हाथों में लोगो अल्लाह का सारा ख़ज़ाना है
सरकार के देने का देखो अंदाज़ भी सब से निराला है
जिस पर भी हो जाए नज़रे करम वो हो जाए सुल्तान

जश्न मनाओ ! मक्की का
जश्न मनाओ ! मदनी का
जश्न मनाओ ! काली कमली वाले का

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

मक्की की आमद मरहबा
मदनी की आमद मरहबा
अरबी की आमद मरहबा

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

हम दुखियों का महबूबे ख़ुदा महशर में रखवाला होगा
रुतबे इज़्ज़तो अज़्मत में सोचो तो ज़रा वो क्या होगा
जिब्रील भी जिस के दर का है इक अदना सा दरबान

जश्न मनाओ ! मक्की का
जश्न मनाओ ! मदनी का
जश्न मनाओ ! काली कमली वाले का

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

सब मिल कर बोलो मरहबा
सब झूम के बोलो मरहबा
लहरा कर बोलो मरहबा

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

सदक़े में ग़ौसो-ख़्वाजा के इतना तो करम हो मँगते पर
सदक़े में मेरे अत्तार के इतना तो करम हो मँगते पर
सब मँगतों पर, सब मँगतों पर, सब मँगतों पर, सब मँगतों पर
नबियों के नबी महबूबे ख़ुदा इक बार क़दीरे हज़ीं के घर
सदक़े मैं हसनैन के नाना ! बन जाओ मेहमान

जश्न मनाओ ! मक्की का
जश्न मनाओ ! मदनी का
जश्न मनाओ ! काली कमली वाले का

जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान
जश्न मनाओ ! आए हैं सब नबियों के सुल्तान

नातख्वां:
असद रज़ा अत्तारी अल मदनी

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