मीलाद मनाना सआदत है / Milad Manana Sa'aadat Hai
मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो
मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो
अभी जिब्रील भी उतरे न थे काअबे के मिम्बर से
के इतने में सदा आई ये अब्दुल्लाह के घर से
मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
है चारो तरफ़ ख़ुशियों की झड़ी, गलियां जैसे फूलों की लड़ी
घर घर में ज़िक्रे विलादत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
बोलो मरहबा, बोलो मरहबा, सरकार की आमद मरहबा
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
क़स्रे-किसरा पे दराड़े हैं और क़ुफ्र पे लरज़ा तारी है
काअबे के बुतों पे हैबत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
जब नूर ख़ुदा का आया है, देखे हैं तूने शामी महल
ऐ आमेना तेरी क़िस्मत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
बोलो मरहबा, बोलो मरहबा, सरकार की आमद मरहबा
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
मीलाद का दिन है सब से बड़ा, तेहवार बड़ा, ये जश्न बड़ा
इस दिन को मनाना इबादत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
दुनियां में उजागर जातें हैं, आशिक़ पलकों पे बिठाते हैं
सब नाते नबी की बदौलत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
बोलो मरहबा, बोलो मरहबा, सरकार की आमद मरहबा
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
शायर:
अल्लामा निसार अली उजागर
नातख्वां:
डॉ. निसार अहमद मार्फानी
मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो
अभी जिब्रील भी उतरे न थे काअबे के मिम्बर से
के इतने में सदा आई ये अब्दुल्लाह के घर से
मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
है चारो तरफ़ ख़ुशियों की झड़ी, गलियां जैसे फूलों की लड़ी
घर घर में ज़िक्रे विलादत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
बोलो मरहबा, बोलो मरहबा, सरकार की आमद मरहबा
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
क़स्रे-किसरा पे दराड़े हैं और क़ुफ्र पे लरज़ा तारी है
काअबे के बुतों पे हैबत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
जब नूर ख़ुदा का आया है, देखे हैं तूने शामी महल
ऐ आमेना तेरी क़िस्मत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
बोलो मरहबा, बोलो मरहबा, सरकार की आमद मरहबा
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
मीलाद का दिन है सब से बड़ा, तेहवार बड़ा, ये जश्न बड़ा
इस दिन को मनाना इबादत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
दुनियां में उजागर जातें हैं, आशिक़ पलकों पे बिठाते हैं
सब नाते नबी की बदौलत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
बोलो मरहबा, बोलो मरहबा, सरकार की आमद मरहबा
मीलाद मनाना सआदत है, सरकार की आज विलादत है
यारो बख़्शिश जी ज़मानत है, सरकार की आज विलादत है
शायर:
अल्लामा निसार अली उजागर
नातख्वां:
डॉ. निसार अहमद मार्फानी
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