मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या / Mainu Mahbooriyan Te Duriyan Ne Marya

मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या
सद लो मदीने आक़ा, करो मेहरबानियां

डाहड़ा हां ग़रीब आक़ा, कोल मेरे ज़र नहीं
उड़के मैं कीवें आवां नाल मेरे पर नहीं
असीं ते डेरा तेथों बड़ी दूर ला लया

सद लो मदीने आक़ा, करो मेहरबानियां
मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या

कोण जाके दस्से सोहणे अल्लाह दे हबीब नु
सद लो दवारे उत्ते दुखिया गरीब नु
मेरे ते ते डेरा बद-नसीबियाँ ने पालेया

सद लो मदीने आक़ा, करो मेहरबानियां
मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या

जा के कदी वेखां सोहणे गुम्बद दी हरियालियाँ
फिर मैं नियाज़ी चुम्मा रोज़े दियां जालियाँ
अपना ते रोणा सारा मैं शेरा विच सुना लेया

सद लो मदीने आक़ा, करो मेहरबानियां
मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या

तयबा दे दीदार बाजूं दिल नैयों लगदा
तीर है जुदाई वाला नित सीने वजदा
इना सोचा विच रोग जिन्दड़ी नु ला लया

सद लो मदीने आक़ा, करो मेहरबानियां
मैनूं मजबूरियां ते दूरियां ने मार्या

शायर:
मौलाना अब्दुल सत्तार नियाज़ी

नातख्वां:
ओवैस रज़ा क़ादरी

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