मुझे दर पे फिर बुलाना मदनी मदीने वाले / Mujhe Dar Pe Phir Bulana Madani Madine Wale
मुझे दर पे फिर बुलाना, मदनी मदीने वाले !
मय-ए-'इश्क़ भी पिलाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी आँख में समाना, मदनी मदीने वाले !
बने दिल तेरा ठिकाना, मदनी मदीने वाले !
तेरी जबकि दीद होगी, जभी मेरी 'ईद होगी
मेरे ख़्वाब में तुम आना, मदनी मदीने वाले !
मुझे ग़म सता रहे हैं, मेरी जान खा रहे हैं
तुम्हीं हौसला बढ़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे सब 'अज़ीज़ छूटे, मेरे यार भी तो रूठे
कहीं तुम न रूठ जाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे सब 'अज़ीज़ छूटें, मेरे दोस्त भी गो रूठें
शहा ! तुम न रूठ जाना, मदनी मदीने वाले !
मैं अगरचे हूँ कमीना, तेरा हूँ, शह-ए-मदीना !
मुझे क़दमों से लगाना, मदनी मदीने वाले !
तेरे दर से, शाह ! बेहतर, तेरे आस्ताँ से बढ़ कर
है भला कोई ठिकाना, मदनी मदीने वाले !
तेरा तुझ से हूँ सुवाली, शहा ! फेरना न ख़ाली
मुझे अपना तू बनाना, मदनी मदीने वाले !
ये मरीज़ मर रहा है, तेरे हाथ में शिफ़ा है
ऐ तबीब ! जल्द आना, मदनी मदीने वाले !
तू है अंबिया का सरवर, तू ही दो जहाँ का यावर
तू ही रहबर-ए-ज़माना, मदनी मदीने वाले !
तू है बेकसों का यावर, ऐ मेरे ग़रीब-परवर !
है सख़ी तेरा घराना, मदनी मदीने वाले !
तू ख़ुदा के बा'द बेहतर है सभी से, मेरे सरवर !
तेरा हाशिमी घराना, मदनी मदीने वाले !
तेरी फ़र्श पर हुकूमत, तेरी 'अर्श पर हुकूमत
तू शहंशह-ए-ज़माना, मदनी मदीने वाले !
तेरा ख़ुल्क़ सब से बाला, तेरा हुस्न सब से आ'ला
फ़िदा तुझ पे सब ज़माना, मदनी मदीने वाले !
कहूँ किस से, आह ! जा कर, सुने कौन, मेरे सरवर !
मेरे दर्द का फ़साना, मदनी मदीने वाले !
ब-'अता-ए-रब्ब-ए-हाकिम, तू है रिज़्क़ का भी क़ासिम
है तेरा सब आब-ओ-दाना, मदनी मदीने वाले !
मैं ग़रीब बे-सहारा, कहाँ और है गुज़ारा
मुझे आप ही निभाना, मदनी मदीने वाले !
ये करम बड़ा करम है, तेरे हाथ में भरम है
सर-ए-हश्र बख़्शवाना, मदनी मदीने वाले !
कभी जव की मोटी रोटी तो कभी खजूर पानी
तेरा ऐसा सादा खाना, मदनी मदीने वाले !
है चटाई का बिछौना, कभी ख़ाक ही पे सोना
कभी हाथ का सिरहाना, मदनी मदीने वाले !
तेरी सादगी पे लाखों, तेरी 'आजिज़ी पे लाखों
हों सलाम 'आजिज़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे शाह ! वक़्त-ए-रुख़्सत मुझे मीठा मीठा शरबत
तेरे दीद का पिलाना, मदनी मदीने वाले !
मिले नज़'अ में भी राहत, रहूँ क़ब्र में सलामत
तू 'अज़ाब से बचाना, मदनी मदीने वाले !
घुप अँधेरी क़ब्र में जब मुझे छोड़ कर चलें सब
मेरी क़ब्र जगमगाना, मदनी मदीने वाले !
पस-ए-मर्ग सब्ज़-गुंबद की, हुज़ूर ! ठंडी ठंडी
मुझे छाँव में सुलाना, मदनी मदीने वाले !
ऐ शफ़ी'-ए-रोज़-ए-महशर ! है गुनह का बोझ सर पर
मैं फँसा मुझे बचाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे वालिदैन महशर में गो भूल जाएँ, सरवर !
मुझे तुम न भूल जाना, मदनी मदीने वाले !
शहा ! तिश्नगी बड़ी है, यहाँ धूप भी कड़ी है
शह-ए-हौज़-ए-कौसर ! आना, मदनी मदीने वाले !
मुझे आफ़तों ने घेरा, है मुसीबतों का डेरा
या नबी ! मदद को आना, मदनी मदीने वाले !
तेरे दर की हाज़िरी को जो तड़प रहे हैं उन को
शहा ! जल्द तू बुलाना, मदनी मदीने वाले !
कोई इस तरफ़ भी फेरा, हो ग़मों का दूर अँधेरा
ऐ सरापा नूर ! आना, मदनी मदीने वाले !
कोई पाए बख़्त-वर गर, है शरफ़ शही से बढ़ कर
तेरे ना'ल-ए-पाक उठाना, मदनी मदीने वाले !
मेरा सीना हो मदीना, मेरे दिल का आबगीना
भी मदीना ही बनाना, मदनी मदीने वाले !
ऐ हबीब-ए-रब्ब-ए-बारी ! है गुनह का बोझ भारी
तुम्हीं हश्र में छुड़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी 'आदतें हों बेहतर, बनूँ सुन्नतों का पैकर
मुझे मुत्तक़ी बनाना, मदनी मदीने वाले !
शहा ! ऐसा जज़्बा पाऊँ, कि मैं ख़ूब सीख जाऊँ
तेरी सुन्नतें सिखाना, मदनी मदीने वाले !
तेरे नाम पर हो क़ुर्बां मेरी जान, जान-ए-जानाँ !
हो नसीब सर कटाना, मदनी मदीने वाले !
तेरी सुन्नतों पे चल कर, मेरी रूह जब निकल कर
चले, तू गले लगाना, मदनी मदीने वाले !
हैं मुबल्लिग़, आक़ा ! जितने, करो दूर उन से फ़ितने
बूरी मौत से बचाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे ग़ौस का वसीला, रहे शाद सब क़बीला
इन्हें ख़ुल्द में बसाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे जिस क़दर हैं अहबाब, उन्हें कर दे शाह बेताब
मिले 'इश्क़ का ख़ज़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी आने वाली नस्लें तेरे 'इश्क़ ही में मचलें
उन्हें नेक तूम बनाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी आने वाली नस्लें तेरे 'इश्क़ ही में मचलें
उन्हें नेक तुम बनाना, मदनी मदीने वाले !
मिले सुन्नतों का जज़्बा, मेरे भाई छोड़ें, मौला !
सभी दाढ़ियाँ मुंडाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी काश ! सारी बहनें, रहें मदनी बुर्क़'ओं में
हो करम शह-ए-ज़माना, मदनी मदीने वाले !
दो जहान के ख़ज़ाने दिए हाथ में ख़ुदा ने
तेरा काम है लुटाना, मदनी मदीने वाले !
तेरा ग़म ही चाहे 'अत्तार, इसी में रहे गिरिफ़्तार
ग़म-ए-माल से बचाना, मदनी मदीने वाले !
शायर:
मुहम्मद इल्यास अत्तार क़ादरी
ना'त-ख़्वाँ:
ओवैस रज़ा क़ादरी
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी
अश्फ़ाक़ अत्तारी
मय-ए-'इश्क़ भी पिलाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी आँख में समाना, मदनी मदीने वाले !
बने दिल तेरा ठिकाना, मदनी मदीने वाले !
तेरी जबकि दीद होगी, जभी मेरी 'ईद होगी
मेरे ख़्वाब में तुम आना, मदनी मदीने वाले !
मुझे ग़म सता रहे हैं, मेरी जान खा रहे हैं
तुम्हीं हौसला बढ़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे सब 'अज़ीज़ छूटे, मेरे यार भी तो रूठे
कहीं तुम न रूठ जाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे सब 'अज़ीज़ छूटें, मेरे दोस्त भी गो रूठें
शहा ! तुम न रूठ जाना, मदनी मदीने वाले !
मैं अगरचे हूँ कमीना, तेरा हूँ, शह-ए-मदीना !
मुझे क़दमों से लगाना, मदनी मदीने वाले !
तेरे दर से, शाह ! बेहतर, तेरे आस्ताँ से बढ़ कर
है भला कोई ठिकाना, मदनी मदीने वाले !
तेरा तुझ से हूँ सुवाली, शहा ! फेरना न ख़ाली
मुझे अपना तू बनाना, मदनी मदीने वाले !
ये मरीज़ मर रहा है, तेरे हाथ में शिफ़ा है
ऐ तबीब ! जल्द आना, मदनी मदीने वाले !
तू है अंबिया का सरवर, तू ही दो जहाँ का यावर
तू ही रहबर-ए-ज़माना, मदनी मदीने वाले !
तू है बेकसों का यावर, ऐ मेरे ग़रीब-परवर !
है सख़ी तेरा घराना, मदनी मदीने वाले !
तू ख़ुदा के बा'द बेहतर है सभी से, मेरे सरवर !
तेरा हाशिमी घराना, मदनी मदीने वाले !
तेरी फ़र्श पर हुकूमत, तेरी 'अर्श पर हुकूमत
तू शहंशह-ए-ज़माना, मदनी मदीने वाले !
तेरा ख़ुल्क़ सब से बाला, तेरा हुस्न सब से आ'ला
फ़िदा तुझ पे सब ज़माना, मदनी मदीने वाले !
कहूँ किस से, आह ! जा कर, सुने कौन, मेरे सरवर !
मेरे दर्द का फ़साना, मदनी मदीने वाले !
ब-'अता-ए-रब्ब-ए-हाकिम, तू है रिज़्क़ का भी क़ासिम
है तेरा सब आब-ओ-दाना, मदनी मदीने वाले !
मैं ग़रीब बे-सहारा, कहाँ और है गुज़ारा
मुझे आप ही निभाना, मदनी मदीने वाले !
ये करम बड़ा करम है, तेरे हाथ में भरम है
सर-ए-हश्र बख़्शवाना, मदनी मदीने वाले !
कभी जव की मोटी रोटी तो कभी खजूर पानी
तेरा ऐसा सादा खाना, मदनी मदीने वाले !
है चटाई का बिछौना, कभी ख़ाक ही पे सोना
कभी हाथ का सिरहाना, मदनी मदीने वाले !
तेरी सादगी पे लाखों, तेरी 'आजिज़ी पे लाखों
हों सलाम 'आजिज़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे शाह ! वक़्त-ए-रुख़्सत मुझे मीठा मीठा शरबत
तेरे दीद का पिलाना, मदनी मदीने वाले !
मिले नज़'अ में भी राहत, रहूँ क़ब्र में सलामत
तू 'अज़ाब से बचाना, मदनी मदीने वाले !
घुप अँधेरी क़ब्र में जब मुझे छोड़ कर चलें सब
मेरी क़ब्र जगमगाना, मदनी मदीने वाले !
पस-ए-मर्ग सब्ज़-गुंबद की, हुज़ूर ! ठंडी ठंडी
मुझे छाँव में सुलाना, मदनी मदीने वाले !
ऐ शफ़ी'-ए-रोज़-ए-महशर ! है गुनह का बोझ सर पर
मैं फँसा मुझे बचाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे वालिदैन महशर में गो भूल जाएँ, सरवर !
मुझे तुम न भूल जाना, मदनी मदीने वाले !
शहा ! तिश्नगी बड़ी है, यहाँ धूप भी कड़ी है
शह-ए-हौज़-ए-कौसर ! आना, मदनी मदीने वाले !
मुझे आफ़तों ने घेरा, है मुसीबतों का डेरा
या नबी ! मदद को आना, मदनी मदीने वाले !
तेरे दर की हाज़िरी को जो तड़प रहे हैं उन को
शहा ! जल्द तू बुलाना, मदनी मदीने वाले !
कोई इस तरफ़ भी फेरा, हो ग़मों का दूर अँधेरा
ऐ सरापा नूर ! आना, मदनी मदीने वाले !
कोई पाए बख़्त-वर गर, है शरफ़ शही से बढ़ कर
तेरे ना'ल-ए-पाक उठाना, मदनी मदीने वाले !
मेरा सीना हो मदीना, मेरे दिल का आबगीना
भी मदीना ही बनाना, मदनी मदीने वाले !
ऐ हबीब-ए-रब्ब-ए-बारी ! है गुनह का बोझ भारी
तुम्हीं हश्र में छुड़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी 'आदतें हों बेहतर, बनूँ सुन्नतों का पैकर
मुझे मुत्तक़ी बनाना, मदनी मदीने वाले !
शहा ! ऐसा जज़्बा पाऊँ, कि मैं ख़ूब सीख जाऊँ
तेरी सुन्नतें सिखाना, मदनी मदीने वाले !
तेरे नाम पर हो क़ुर्बां मेरी जान, जान-ए-जानाँ !
हो नसीब सर कटाना, मदनी मदीने वाले !
तेरी सुन्नतों पे चल कर, मेरी रूह जब निकल कर
चले, तू गले लगाना, मदनी मदीने वाले !
हैं मुबल्लिग़, आक़ा ! जितने, करो दूर उन से फ़ितने
बूरी मौत से बचाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे ग़ौस का वसीला, रहे शाद सब क़बीला
इन्हें ख़ुल्द में बसाना, मदनी मदीने वाले !
मेरे जिस क़दर हैं अहबाब, उन्हें कर दे शाह बेताब
मिले 'इश्क़ का ख़ज़ाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी आने वाली नस्लें तेरे 'इश्क़ ही में मचलें
उन्हें नेक तूम बनाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी आने वाली नस्लें तेरे 'इश्क़ ही में मचलें
उन्हें नेक तुम बनाना, मदनी मदीने वाले !
मिले सुन्नतों का जज़्बा, मेरे भाई छोड़ें, मौला !
सभी दाढ़ियाँ मुंडाना, मदनी मदीने वाले !
मेरी काश ! सारी बहनें, रहें मदनी बुर्क़'ओं में
हो करम शह-ए-ज़माना, मदनी मदीने वाले !
दो जहान के ख़ज़ाने दिए हाथ में ख़ुदा ने
तेरा काम है लुटाना, मदनी मदीने वाले !
तेरा ग़म ही चाहे 'अत्तार, इसी में रहे गिरिफ़्तार
ग़म-ए-माल से बचाना, मदनी मदीने वाले !
शायर:
मुहम्मद इल्यास अत्तार क़ादरी
ना'त-ख़्वाँ:
ओवैस रज़ा क़ादरी
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी
अश्फ़ाक़ अत्तारी
mujhe dar pe phir bulaana, madani madine waale !
mai-e-'ishq bhi pilaana, madani madine waale !
meri aankh me.n samaana, madani madine waale !
bane dil tera Thikaana, madani madine waale !
teri jabki deed hogi, jabhi meri 'eid hogi
mere KHwaab me.n tum aana, madani madine waale !
mujhe Gam sata rahe hai.n, meri jaan khaa rahe hai.n
tumhi.n hausla ba.Dhaana, madani madine waale !
mere sab 'azeez chhooTe, mere yaar bhi to rooThe
kahi.n tum na rooTh jaana, madani madine waale !
mere sab 'azeez chhooTe.n, mere dost bhi go rooThe.n
shaha, tum na rooTh jaana, madani madine waale !
mai.n agarche hu.n kameena, tera hu.n, shah-e-madina !
mujhe qadmo.n se lagaana, madani madine waale !
tere dar se, shaah ! behtar, tere aastaa.n se ba.Dh kar
hai bhala koi Thikaana, madani madine waale !
tera tujh se hu.n suwaali, shaha ! pherna na KHaali
mujhe apna tu banaana, madani madine waale !
ye mareez mar raha hai, tere haath me.n shifa hai
ai tabeeb ! jald aana, madani madine waale !
tu hai ambiya ka sarwar, tu hai do jahaa.n ka yaawar
tu hi rahbar-e-zamaana, madani madine waale !
tu hai bekaso.n ka yaawar, ai mere Gareeb-parwar !
hai saKHi tera gharaana, madani madine waale !
tu KHuda ke baa'd behtar hai sabhi se, mere sarwar !
tera haashimi gharaana, madani madine waale !
teri farsh par hukoomat, teri 'arsh par hukoomat
tu shahanshah-e-zamaana, madani madine waale !
tera KHulq sab se baala, tera husn sab se aa'la
fida tujh pe sab zamaana, madani madine waale !
kahu.n kis se, aah ! jaa kar, sune kaun, mere sarwar !
mere dard ka fasaana, madani madine waale !
ba-'ata-e-rabb-e-haakim, tu hai rizq ka bhi qaasim
hai tera sab aab-o-daana, madani madine waale !
mai.n Gareeb be-sahaara, kahaa.n aur hai guzaara
mujhe aap hi nibhaana, madani madine waale !
kabhi jaw ki moTi roTi ti kabhi khajoor paani
tera aisa saada khaana, madani madine waale !
hai chaTaai ka bichhauna, kabhi KHaak hi pe sona
kabhi haath ka sirhaana, madani madine waale !
teri saadgi pe laakho.n, teri 'aajizi pe laakho.n
ho.n salaam 'aajizaana, madani madine waale !
mere shaah ! waqt-e-ruKHsat mujhe meeTha meeTha sharbat
tere deed ka pilaana, madani madine waale !
mile naz'a me.n bhi raahat, rahu.n qabr me.n salaamat
tu 'azaab se bachaana, madani madine waale !
ghup andheri qabr me.n jab mujhe chho.D kar chale.n sab
meri qabr jagmagaana, madani madine waale !
pas-e-marg sabz-gumbad ki, huzoor ! Thandi Thandi
mujhe chhaanw me.n sulaana, madani madine waale !
ai shafi'-e-roz-e-mehshar ! hai gunah ka bojh sar par
mai.n phansa mujhe bachaana, madani madine waale !
shaha ! tishnagi ba.Di hai, yahaa.n dhoop bhi ka.Di hai
shah-e-hauz-e-kausar ! aana, madani madine waale !
mujhe aafto.n ne ghera, hai museebato.n ka Dera
ya nabi ! madad ko aana, madani madine waale !
tere dar ki haaziri ko jo ta.Dap rahe hai.n un ko
shaha ! jald tu bulaana, madani madine waale !
koi is taraf bhi phera, ho Gamo.n ka door andhera
ai saraapa noor ! aana, madani madine waale !
koi paae baKHt-war gar, hai sharaf shahi se ba.Dh kar
tere naa'l-e-paak uThaana, madani madine waale !
mera seena ho madina, mere dil ka aabgeena
bhi madina hi banaana, madani madine waale !
ai habeeb-e-rabb-e-baari ! hai gunah ka bojh bhaari
tumhi.n hashr me.n chhu.Daana, madani madine waale !
meri 'aadate.n ho.n behtar, banu.n sunnato.n ka paikar
mujhe muttaqi banaana, madani madine waale !
shaha ! aisa jazba paau.n, ki mai.n KHoob seekh jaau.n
teri sunnate.n sikhaana, madani madine waale !
tere naam par ho qurbaa.n meri jaan, jaan-e-jaanaa.n !
ho naseeb sar kaTaana, madani madine waale !
teri sunnato.n pe chal kar, meri rooh jab nikal kar
chale, tu gale lagaana, madani madine waale !
hai.n muballig, aaqa ! jitne, karo door un se fitne
boori maut se bachaana, madani madine waale !
mere Gaus ka waseela, rahe shaad sab qabeela
inhe.n KHuld me.n basaana, madani madine waale !
mere jis qadar hai.n ahbaab, unhe.n kar de shaah betaab
mile 'ishq ka KHazaana, madani madine waale !
meri aane waali nasle.n tere 'ishq hi me.n machle.n
unhe.n nek tum banaana, madani madine waale !
meri aane waali nasle.n tere 'ishq hi me.n machle.n
unhe.n nek tu banaana, madani madine waale !
mile sunnato.n ka jazba, mere bhaai chho.De.n, maula !
sabhi daa.Dhiyaa.n munDaana, madani madine waale !
meri kaash ! saari behne.n, rahe.n madni burqa'o.n me.n
ho karam shah-e-zamaana, madani madine waale !
do jahaan ke KHazaane diye haath me.n KHuda ne
tera kaam hai luTaana, madani madine waale !
tera Gam hi chaahe 'Attar, isi me.n rahe giriftaar
Gam-e-maal se bachaana, madani madine waale !
Poet:
Muhammad Ilyas Attar Qadri
Naat-Khwaan:
Owais Raza Qadri
Hafiz Tahir Qadri
Ashfaq Attari
mai-e-'ishq bhi pilaana, madani madine waale !
meri aankh me.n samaana, madani madine waale !
bane dil tera Thikaana, madani madine waale !
teri jabki deed hogi, jabhi meri 'eid hogi
mere KHwaab me.n tum aana, madani madine waale !
mujhe Gam sata rahe hai.n, meri jaan khaa rahe hai.n
tumhi.n hausla ba.Dhaana, madani madine waale !
mere sab 'azeez chhooTe, mere yaar bhi to rooThe
kahi.n tum na rooTh jaana, madani madine waale !
mere sab 'azeez chhooTe.n, mere dost bhi go rooThe.n
shaha, tum na rooTh jaana, madani madine waale !
mai.n agarche hu.n kameena, tera hu.n, shah-e-madina !
mujhe qadmo.n se lagaana, madani madine waale !
tere dar se, shaah ! behtar, tere aastaa.n se ba.Dh kar
hai bhala koi Thikaana, madani madine waale !
tera tujh se hu.n suwaali, shaha ! pherna na KHaali
mujhe apna tu banaana, madani madine waale !
ye mareez mar raha hai, tere haath me.n shifa hai
ai tabeeb ! jald aana, madani madine waale !
tu hai ambiya ka sarwar, tu hai do jahaa.n ka yaawar
tu hi rahbar-e-zamaana, madani madine waale !
tu hai bekaso.n ka yaawar, ai mere Gareeb-parwar !
hai saKHi tera gharaana, madani madine waale !
tu KHuda ke baa'd behtar hai sabhi se, mere sarwar !
tera haashimi gharaana, madani madine waale !
teri farsh par hukoomat, teri 'arsh par hukoomat
tu shahanshah-e-zamaana, madani madine waale !
tera KHulq sab se baala, tera husn sab se aa'la
fida tujh pe sab zamaana, madani madine waale !
kahu.n kis se, aah ! jaa kar, sune kaun, mere sarwar !
mere dard ka fasaana, madani madine waale !
ba-'ata-e-rabb-e-haakim, tu hai rizq ka bhi qaasim
hai tera sab aab-o-daana, madani madine waale !
mai.n Gareeb be-sahaara, kahaa.n aur hai guzaara
mujhe aap hi nibhaana, madani madine waale !
kabhi jaw ki moTi roTi ti kabhi khajoor paani
tera aisa saada khaana, madani madine waale !
hai chaTaai ka bichhauna, kabhi KHaak hi pe sona
kabhi haath ka sirhaana, madani madine waale !
teri saadgi pe laakho.n, teri 'aajizi pe laakho.n
ho.n salaam 'aajizaana, madani madine waale !
mere shaah ! waqt-e-ruKHsat mujhe meeTha meeTha sharbat
tere deed ka pilaana, madani madine waale !
mile naz'a me.n bhi raahat, rahu.n qabr me.n salaamat
tu 'azaab se bachaana, madani madine waale !
ghup andheri qabr me.n jab mujhe chho.D kar chale.n sab
meri qabr jagmagaana, madani madine waale !
pas-e-marg sabz-gumbad ki, huzoor ! Thandi Thandi
mujhe chhaanw me.n sulaana, madani madine waale !
ai shafi'-e-roz-e-mehshar ! hai gunah ka bojh sar par
mai.n phansa mujhe bachaana, madani madine waale !
shaha ! tishnagi ba.Di hai, yahaa.n dhoop bhi ka.Di hai
shah-e-hauz-e-kausar ! aana, madani madine waale !
mujhe aafto.n ne ghera, hai museebato.n ka Dera
ya nabi ! madad ko aana, madani madine waale !
tere dar ki haaziri ko jo ta.Dap rahe hai.n un ko
shaha ! jald tu bulaana, madani madine waale !
koi is taraf bhi phera, ho Gamo.n ka door andhera
ai saraapa noor ! aana, madani madine waale !
koi paae baKHt-war gar, hai sharaf shahi se ba.Dh kar
tere naa'l-e-paak uThaana, madani madine waale !
mera seena ho madina, mere dil ka aabgeena
bhi madina hi banaana, madani madine waale !
ai habeeb-e-rabb-e-baari ! hai gunah ka bojh bhaari
tumhi.n hashr me.n chhu.Daana, madani madine waale !
meri 'aadate.n ho.n behtar, banu.n sunnato.n ka paikar
mujhe muttaqi banaana, madani madine waale !
shaha ! aisa jazba paau.n, ki mai.n KHoob seekh jaau.n
teri sunnate.n sikhaana, madani madine waale !
tere naam par ho qurbaa.n meri jaan, jaan-e-jaanaa.n !
ho naseeb sar kaTaana, madani madine waale !
teri sunnato.n pe chal kar, meri rooh jab nikal kar
chale, tu gale lagaana, madani madine waale !
hai.n muballig, aaqa ! jitne, karo door un se fitne
boori maut se bachaana, madani madine waale !
mere Gaus ka waseela, rahe shaad sab qabeela
inhe.n KHuld me.n basaana, madani madine waale !
mere jis qadar hai.n ahbaab, unhe.n kar de shaah betaab
mile 'ishq ka KHazaana, madani madine waale !
meri aane waali nasle.n tere 'ishq hi me.n machle.n
unhe.n nek tum banaana, madani madine waale !
meri aane waali nasle.n tere 'ishq hi me.n machle.n
unhe.n nek tu banaana, madani madine waale !
mile sunnato.n ka jazba, mere bhaai chho.De.n, maula !
sabhi daa.Dhiyaa.n munDaana, madani madine waale !
meri kaash ! saari behne.n, rahe.n madni burqa'o.n me.n
ho karam shah-e-zamaana, madani madine waale !
do jahaan ke KHazaane diye haath me.n KHuda ne
tera kaam hai luTaana, madani madine waale !
tera Gam hi chaahe 'Attar, isi me.n rahe giriftaar
Gam-e-maal se bachaana, madani madine waale !
Poet:
Muhammad Ilyas Attar Qadri
Naat-Khwaan:
Owais Raza Qadri
Hafiz Tahir Qadri
Ashfaq Attari
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