सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! / Sarkaar Ghaus-e-Aazam ! Sarkaar Ghaus-e-Aazam !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
इक बार नहीं कहना, सो बार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
शजरा पहुँच रहा है बग़दाद तक हमारा
तुम हो हर इक वली का, हर पीर का किनारा
तुम से जुड़ा हुवा है हर तार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
है ये करम तुम्हारा, जो चैन से जीते हैं
आराम से खाते हैं, आराम से पीते हैं
तुम हो तो कुछ नहीं है दुश्वार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
था माँ का हुक़्म, बेटा ! सच बोलना हमेशा
मत झूट कहना, चाहे आ जाए कोई मौक़ा
फिर झूट कैसे कहते सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
कश्ती बचा के दे दी, मुर्दे जिला दिए हैं
ताक़त वो दी ख़ुदा ने, वो मर्तबे दिए हैं
ये जानता है सारा संसार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
मैं हूँ बहुत पुराना मँगता तुम्हारे दर का
मैं ही नहीं हूँ बल्कि है ख़ानदान पूरा
ताहिर है हर करम का हक़दार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
इक बार नहीं कहना, सो बार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
शजरा पहुँच रहा है बग़दाद तक हमारा
तुम हो हर इक वली का, हर पीर का किनारा
तुम से जुड़ा हुवा है हर तार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
है ये करम तुम्हारा, जो चैन से जीते हैं
आराम से खाते हैं, आराम से पीते हैं
तुम हो तो कुछ नहीं है दुश्वार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
था माँ का हुक़्म, बेटा ! सच बोलना हमेशा
मत झूट कहना, चाहे आ जाए कोई मौक़ा
फिर झूट कैसे कहते सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
कश्ती बचा के दे दी, मुर्दे जिला दिए हैं
ताक़त वो दी ख़ुदा ने, वो मर्तबे दिए हैं
ये जानता है सारा संसार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
मैं हूँ बहुत पुराना मँगता तुम्हारे दर का
मैं ही नहीं हूँ बल्कि है ख़ानदान पूरा
ताहिर है हर करम का हक़दार ग़ौस-ए-आज़म !
सरकार ग़ौस-ए-आज़म ! सरकार ग़ौस-ए-आज़म !
नातख्वां:
ताहिर रज़ा रामपुरी
Subhan allah
ReplyDelete