बेहरे दीदार मुश्ताक़ है हर नज़र, दोनों आलम के सरकार आ जाइये / Behre Deedar Mushtaq Hai Har Nazar, Donon Aalam Ke Sarkaar Aa Jaiye

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

बेहरे दीदार मुश्ताक़ है हर नज़र
दोनों आलम के सरकार आ जाइये
चाँदनी रात है और पिछला पहर
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

सामने जल्वाग़र पैकरे-नूर हो
मुन्किरों का भी सरकार शक दूर हो
कर के तब्दील एक दिन लिबासे-बशर
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

शाम-ए-उम्मीद का अब सवेरा हुवा
सूए-तयबा निग़ाहों में डेरा हुवा
बिछ गए राह में फ़र्शे-क़ल्बो-जिगर
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

दिल का टूटा हुवा आबगीना लिये
शोला-ए-इश्क़ का तूर-सीना लिये
कितने घायल खड़े है सरे-रहगुज़र
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

सिदरतुल-मुन्तहा, अर्श, बागे-इरम
हर जगह पड़ चुके हैं निशाने-क़दम
अब तो एक बार अपने ग़ुलामों के घर
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

आज महफ़िल में महबूब की धूम है
शाने-इज़्ज़ो-करम सबको मालूम है
यूं लुटाते हुवे रहमतों के गोहर
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

शाम-ए-ग़ुरबत है और शहर ख़ामोश है
एक अरशद अकेला कफ़न पोश है
खौफ की है गड़ी, वक़्त है पुरखतर
दोनों आलम के सरकार आ जाइये

आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये
आक़ा आ जाइये, आक़ा आ जाइये

शायर:
अल्लामा अरशद क़ादरी

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