रह़मान या रह़मान / Rahmaan Ya Rahmaan

रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान

रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान
तूने हमको दिया रमज़ान, इस में उतरा क़ुरआन
है ये तेरा एहसान

तू सब ही का दाता है, तू सब ही को देता है
सदक़े में मुह़म्मद के तू झोलियाँ भरता है
मेरा है ये ईमान

रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान
तूने हमको दिया रमज़ान, इस में उतरा क़ुरआन
है ये तेरा एहसान

ऐसा तू करम कर दे, पूरी दुआ कर दे
रमज़ां का महीना हो, मक्का हो मदीना हो
और निकले वहीँ पर जान

रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान
तूने हमको दिया रमज़ान, इस में उतरा क़ुरआन
है ये तेरा एहसान

तू मालिक मैं बंदा, मैं अदना तूं आ'ला
तू तैयब मैं गंदा, मैं मंगता तू दाता
या रब्बी या रह़मान

रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान
तूने हमको दिया रमज़ान, इस में उतरा क़ुरआन
है ये तेरा एहसान

तेरी ही ये सुबहें हैं, तेरी ही ये रातें हैं
ये चाँद करे मिदहत, सूरज भी करे हम्दें
जारी है तेरा फ़रमान

रह़मान या रह़मान, तेरी ऊँची मौला शान
तूने हमको दिया रमज़ान, इस में उतरा क़ुरआन
है ये तेरा एहसान

रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान, रमज़ान

नातख्वां:
मुहम्मद हस्सान रज़ा क़ादरी

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