ज़र्रे झड़ कर तेरी पैज़ारों के / Zarre Jhad Kar Teri Paizaron Ke

ज़र्रे झड़ कर तेरी पैज़ारों के
ताजे सर बनते हैं सय्यारों के

हम से चोरों पे जो फ़रमाएं करम
ख़िल्अ़ते ज़र बनें पुश्तारों के

मेरे आक़ा का वोह दर है जिस पर
माथे घिस जाते हैं सरदारों के

मेरे ई़सा तेरे सदक़े जाऊं
त़ौर बे त़ौर हैं बीमारों के

मुजरिमो ! चश्मे तबस्सुम रख्खो
फूल बन जाते हैं अंगारों के

तेरे अब्रू के तसद्दुक़ प्यारे
बन्द कर्रे हैं गिरिफ़्तारों के

जानो दिल तेरे क़दम पर वारे
क्या नसीबे हैं तेरे यारों के

सिद्‌क़ो-अ़दलो-करम व हिम्मत में
चार सू शोहरे हैं इन चारों के

बहरे तस्लीमे अ़ली मैदां में
सर झुके रहते हैं तलवारों के

कैसे आक़ाओं का बन्दा हूं रज़ा
बोलबाले मेरी सरकारों के

शायर:
इमाम अहमद रज़ा खान

Comments

Post a Comment

Most Popular

क्या बताऊँ कि क्या मदीना है / Kya Bataun Ki Kya Madina Hai

या नबी सलाम अलैका / Ya Nabi Salam Alaika | Ya Nabi Salam Alayka (All Popular Versions)

वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं / Wo Shehr-e-Mohabbat Jahan Mustafa Hain (All Versions)

ऐ सबा मुस्तफ़ा से कह देना ग़म के मारे सलाम कहते हैं / Aye Saba Mustafa Se Keh Dena Gham Ke Mare Salam Kehte Hain (All Versions)

अल-मदद पीरान-ए-पीर ग़ौस-उल-आज़म दस्तगीर / Al-Madad Peeran-e-Peer Ghaus-ul-Azam Dastageer

ऐ ज़हरा के बाबा सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए / Aye Zahra Ke Baba Sunen Iltija Madina Bula Lijiye

हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन की तस्वीर सीने में मौजूद है | उन का जल्वा तो सीने में मौजूद है / Hum Ne Aankhon Se Dekha Nahin Hai Magar Unki Tasweer Seene Mein Maujood Hai | Un Ka Jalwa To Seene Mein Maujood Hai

मुस्तफ़ा, जान-ए-रहमत पे लाखों सलाम (मुख़्तसर) / Mustafa, Jaan-e-Rahmat Pe Laakhon Salaam (Short)

हो करम सरकार अब तो हो गए ग़म बे-शुमार / Ho Karam Sarkar Ab To Ho Gaye Gham Beshumar

बेख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना / Bekhud Kiye Dete Hain Andaz-e-Hijabana