ज़माने की निग़ाहों में वो रुस्वा हो नहीं सकता / Zamane Ki Nigahon Mein Wo Ruswa Ho Nahin Sakta

ज़माने की निग़ाहों में वो रुस्वा हो नहीं सकता
नबी कर दें जिसे ऊँचा वो नीचा हो नहीं सकता

कभी उस शख्स के ऐबों का चर्चा हो नहीं सकता
भरम जिस का नबी रखें वो रुस्वा हो नहीं सकता

रसूले-पाक को हमने ख़ुदा का नूर माना है
हमारी क़ब्र में हरगिज़ अँधेरा हो नहीं सकता

बिठाते थे मेरे सरकार जिन को अपने कांधों पर
हुसैन इब्ने अली जैसा नवासा हो नहीं सकता

हर एक ज़र्रा ज़मीने-कर्बला का झूम कर बोला
कोई बच्चा अली असग़र के जैसा हो नहीं सकता

ज़मीने-हिन्द पर अब भी मेरे ख़्वाजा का क़ब्ज़ा है
यहाँ इनके अलावा कोई राजा हो नहीं सकता

किसी की भी हुकूमत हो, कोई भी राज करता हो
मगर ख़्वाजा पिया सा कोई राजा हो नहीं सकता

नातख्वां:
मुहम्मद शरीफ़ रज़ा

Comments

Most Popular

वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं / Wo Shehr-e-Mohabbat Jahan Mustafa Hain (All Versions)

या नबी सलाम अलैका / Ya Nabi Salam Alaika | Ya Nabi Salam Alayka (All Popular Versions)

क्या बताऊँ कि क्या मदीना है / Kya Bataun Ki Kya Madina Hai

अल-मदद पीरान-ए-पीर ग़ौस-उल-आज़म दस्तगीर / Al-Madad Peeran-e-Peer Ghaus-ul-Azam Dastageer

हम ने आँखों से देखा नहीं है मगर उन की तस्वीर सीने में मौजूद है | उन का जल्वा तो सीने में मौजूद है / Hum Ne Aankhon Se Dekha Nahin Hai Magar Unki Tasweer Seene Mein Maujood Hai | Un Ka Jalwa To Seene Mein Maujood Hai

ऐ ज़हरा के बाबा सुनें इल्तिजा मदीना बुला लीजिए / Aye Zahra Ke Baba Sunen Iltija Madina Bula Lijiye

मुस्तफ़ा, जान-ए-रहमत पे लाखों सलाम (मुख़्तसर) / Mustafa, Jaan-e-Rahmat Pe Laakhon Salaam (Short)

बेख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना / Bekhud Kiye Dete Hain Andaz-e-Hijabana

हो करम सरकार अब तो हो गए ग़म बे-शुमार / Ho Karam Sarkar Ab To Ho Gaye Gham Beshumar

ऐ सबा मुस्तफ़ा से कह देना ग़म के मारे सलाम कहते हैं / Aye Saba Mustafa Se Keh Dena Gham Ke Mare Salam Kehte Hain (All Versions)