कोटि कोटि प्रणाम नत मस्तक सकल प्रजाजनम / Koti Koti Pranaam Nat Mastak Sakal Prajaajanam
कोटि कोटि प्रणाम नत मस्तक सकल प्रजाजनम
हे दीन बन्धु दया-निधि, अभिनन्दनम, सुस्वागतम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
आत्मा निर्मल, अधर मधु, देह कुंदन कन्चनम
चन्द्र-मुख, रत्नार मणि, मानिक नयन, पद पंकजम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
स्वर मनोहर शीतलम, छवि मोहनी, प्रिय दर्शनम
दानी, परम महावीर अरु करुणानिधि, पुरुषोत्तम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
जन्म तिथि द्वादश रबीउल अव्वलम शुभ मंगलम
प्रतिभा अद्भुत अलौकिक, प्रतिमा अति सुंदरम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
तीर्थ-रूपम, स्वर्गसम, मक्कानगर अति पावनम
पुण्य बिन्दु सुशोभितम अरु आदि ज्योति जन्मस्थलम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
नीति सर्जक, धर्म रक्षक, न्याय-वर्धक सत्यम
चक्रवर्ती, कर्म-योगी, युग पुरुष अभिनन्दनम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
आमिना अति पावनी, जननी अहो सौभाग्यम
पितृ अब्दुल्लाह प्रतापी, गुणी, महा महोपाध्यम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
चतुर्भुज सिद्दीक़-ओ-फ़ारूक़-ओ-ग़नी अरु हैदरम
फ़ातिमा प्रिय दर्शनी, हसनैन सत्य कुटुम्बकम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
सर्वजन आराध्य प्रिय तयबा नगर सुवसाहतम
सूर्य जिम कण कण प्रकाशित चिर मनोहर मंगलम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
विश्वव्यापी, जग प्रतापी, सकल जन मनमोहनम
दुख निवारक, दिव्य दृष्टि, प्रवचन मधुभाष्यम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
उच्चभल नभज्योति सम, सिर मुकुट शशि आभूषणम
श्रेष्ठ कुल जगराज निःसंदेह प्रिय-प्राणेश्वरम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
भूमि वन शशी चन्द्र जल वायु गगन गिरि सुन्दरम
सकल जगतहिं भजत, भज नज़्मी ! तू भी शाह-ए-उमम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
शायर:
नज़्मी मियाँ
नात-ख़्वाँ:
मनाज़िर हुसैन बरकाती बदायुनी
हे दीन बन्धु दया-निधि, अभिनन्दनम, सुस्वागतम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
आत्मा निर्मल, अधर मधु, देह कुंदन कन्चनम
चन्द्र-मुख, रत्नार मणि, मानिक नयन, पद पंकजम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
स्वर मनोहर शीतलम, छवि मोहनी, प्रिय दर्शनम
दानी, परम महावीर अरु करुणानिधि, पुरुषोत्तम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
जन्म तिथि द्वादश रबीउल अव्वलम शुभ मंगलम
प्रतिभा अद्भुत अलौकिक, प्रतिमा अति सुंदरम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
तीर्थ-रूपम, स्वर्गसम, मक्कानगर अति पावनम
पुण्य बिन्दु सुशोभितम अरु आदि ज्योति जन्मस्थलम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
नीति सर्जक, धर्म रक्षक, न्याय-वर्धक सत्यम
चक्रवर्ती, कर्म-योगी, युग पुरुष अभिनन्दनम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
आमिना अति पावनी, जननी अहो सौभाग्यम
पितृ अब्दुल्लाह प्रतापी, गुणी, महा महोपाध्यम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
चतुर्भुज सिद्दीक़-ओ-फ़ारूक़-ओ-ग़नी अरु हैदरम
फ़ातिमा प्रिय दर्शनी, हसनैन सत्य कुटुम्बकम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
सर्वजन आराध्य प्रिय तयबा नगर सुवसाहतम
सूर्य जिम कण कण प्रकाशित चिर मनोहर मंगलम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
विश्वव्यापी, जग प्रतापी, सकल जन मनमोहनम
दुख निवारक, दिव्य दृष्टि, प्रवचन मधुभाष्यम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
उच्चभल नभज्योति सम, सिर मुकुट शशि आभूषणम
श्रेष्ठ कुल जगराज निःसंदेह प्रिय-प्राणेश्वरम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
भूमि वन शशी चन्द्र जल वायु गगन गिरि सुन्दरम
सकल जगतहिं भजत, भज नज़्मी ! तू भी शाह-ए-उमम
शाह-ए-उमम ! शाह-ए-उमम !
शायर:
नज़्मी मियाँ
नात-ख़्वाँ:
मनाज़िर हुसैन बरकाती बदायुनी
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Subhan Allah
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